खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिवराज पावक निलंबित


- अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्रवाई करने का बनाया मामला
हकीकत - व्यापारियों को डराकर पैसे की वसूली और भ्रष्टाचार की कई शिकायतें
देवेंद्र वैश्य / खबर नेशन / Khabar Nation
होशंगाबाद। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिवराज पावक को निलंबित कर दिया गया। आयुक्त खाद्य सुरक्षा ने बुधवार को ही इसके आदेश जारी कर दिए थे। शिवराज पावक को अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्रवाई करने का आधार बनाकर निलंबित किया गया है। लेकिन पूरे मामले में निलंबन की हकीकत के कई आधार है। जिसमें व्यापारियों को डराकर पैसे की वसूली और भ्रष्टाचार की कई शिकायतें सामने है। एक चर्चित मामला लॉक डाउन के दौरान गुटखा पाउच खरीदी और ऑडियो वायरल का था। जिसमें एक खाद्य सुरक्षा विभाग का व्यापारी दलाल गुटखा व्यापारी से कलेक्टर के नाम पर पैसे की मांग कर रहा था। इस मामले में शिवराज पावक और एक अन्य महिला अधिकारी का नाम सामने आया था। तब जिला प्रशासन ने पुख्ता कार्रवाई नहीं की थी। कुछ दिन पहले मिलावट में मुक्ति अभियान की कार्रवाई से परेशान  व्यापारियों ने जिला बंद का आह्वान किया था।  जिसमें शिवराज पावक को हटाने की पुरजोर मांग की थी। इसमें व्यापारियों ने शिवराज पावक को सबसे भ्रष्ट अधिकारी बताकर कई शिकायतें लिखित में प्रशासनिक अधिकारियों को दी थी। इन्हीं शिकायतों के आधार पर खाद सुरक्षा अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। 

जो काम था वो छोड़कर सब किया 
खाद सुरक्षा अधिकारी शिवराज पावक ने विभाग के जो काम थे वह सब छोड़कर व्यापारियों से सांठगांठ के काम ज्यादा किए। सैंपल इनकी जांच के नाम पर कई व्यापारियों से सांठगांठ की शिकायत भी पूर्व में इनके खिलाफ हो चुकी है। निलंबन पत्र में
अधिकारियों के निर्देश का पालन नहीं करने, अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम करने, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश का पालन नहीं करने, खाद विभाग के डाटा अलग-अलग नहीं करना भी है। खासतौर से प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे हैं मिलावट से मुक्ति अभियान की प्रभावी कार्रवाई भी नहीं की। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की अवहेलना, कर्तव्य प्रति घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता बरती गई है। निलंबन काल में पावक का मुख्यालय सागर कार्यालय किया गया है।

भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की थी 
व्यापारियों द्वारा 23 नवंबर को धरना दिया गया था। जिसमे प्रशासन की कार्रवाई से ज्यादा गुस्सा खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिवराज पावक और लीना नायक के खिलाफ था। व्यापारियों ने ज्ञापन में बताया था कि कुछ माह पूर्व एक व्यापारी को कार्रवाई के नाम पर डराकर एक दलाल के माध्यम से 5 लाख रुपए की मांग कलेक्टर के नाम पर करने वाले दोनों अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित की जा चुकी है। इसके बावजूद भी दोनों भ्रष्ट अधिकारी फील्ड में काम कर रहे हैं। इन दोनों अधिकारियों पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। धरने के दौरान व्यापारियों ने बताया था कि शिवराज पावक द्वारा व्यापारियों को जांच के नाम पर इतना डराया जाता है कि व्यापारी दबाव में आ कर पैसे दे देता है। साहब का लेन देन पचमढ़ी तक है और कार्रवाई नहीं करने के नाम पर साहब व्यापारियों से लाखों रुपए का सौदा करते हैं। वही दूसरी ओर विभाग की सहायक लीना नायक भी कई बार विवादों में घिरी रही हैं। लगभग एक माह पहले ही बीटीआई द्वेषपूर्ण कार्रवाई कर एक छोटी सी गुमठी पर मैडम ने 10 दस हज़ार रुपए का चालान बनाया था। जिसकी जांच के आदेश कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए थे। इन पर भी अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। कई वर्षों से एक ही जगह पर विभाग के कर्मचारी यहां पर पदस्थ हैं। जिनके ऊपर कई आरोप भी लगाए जा चुके हैं एवं अन्य मामलों में इनकी संलिप्तता भी है। जिसके बाद भी इनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

Share:


Related Articles


Leave a Comment