पिता द्वारा एंबुलेंस का किराया नहीं जुट पाने के कारण नवजात के शव को ले जाना पड़ा बस में

खबर नेशन / Khabar Nation  

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने ’दस मामलों में स्वतः संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल के
हमीदिया अस्पताल परिसर में अपने नवजात बच्चे के शव को ले जाने के लिये एक पिता द्वारा गिडगिडाते रहने के बावजूद एंबुलेंस का किराया नहीं जुट पाने के कारण उसे बस में बंडा, जिला सागर ले जाने के लिये मजबूर होने के मामले में संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने ’आयुक्त, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मप्र शासन भोपाल से तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है। आयोग ने आयुक्त से पूछा है कि क्या अस्पताल में मृत व्यक्ति के शव को उसके गांव/घर तक ले जाने के लिये परिजन के पास आर्थिक विपन्नता के कारण व्यवस्था न होने पर मप्र शासन की ओर से इसके लिये कोई व्यवस्था करने की संभावना, सहायता योजना या वैकल्पिक व्यवस्था है ? क्या निर्धन व्यक्तिओं के अस्पताल में निःशुल्क इलाज की व्यवस्था या योजना में ऐसी विषम परिस्थिति के लिये कोई समाधान/व्यवस्था किया जाना संभव है ? 

मप्र मानव अधिकार आयोग ने ’भोपाल शहर के कोलार रोड़ स्थित राजहर्ष कॉलोनी में एक विद्युत पोल से लाइट गायब होने पर घर के बल्वों से नगर निगम की सड़कें रोशन होने, आसपास के सूने घरों में चोरी हो जाने के कारण एक स्थानीय निवासी ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बावजूद इन खंभों पर अबतक लाईट नहीं लगने के मामले में संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने ’कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने ’भोपाल शहर के काटजू अस्पताल में गर्भ में बच्चे की मौत हो जाने के बाद मृत बच्चे के परिजनों द्वारा धरना देने के मामले में संज्ञान लिया है। पांच दिन पहले ही एक ऐसी ही घटना हो चुकी है। अस्पताल प्रबंधन ने दोनों ही मामलों में डॉक्टरों की गलती नहीं मानी। मामले में आयोग ने ’मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है।’

मप्र मानव अधिकार आयोग ने एक चार साल की बच्ची के ’भोपाल के एम्स परिसर में’ स्थापित पानी की टंकी में डूबकर मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने ’कलेक्टर, भोपाल तथा अधीक्षक, एम्स, भोपाल से तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है।’ आयोग ने यह भी पूछा है कि क्या मृत बालिका के परिजनों को शासन की किसी योजना के अंतर्गत मुआवजा राशि दी गई है या प्रस्तावित है ?

मप्र मानव अधिकार आयोग ने ’भोपाल शहर के परवलिया सड़क के सपेरा टोला बस्ती में’ बीते शुक्रवार की रात डायल 100 में मौजूद दो प्रधान आरक्षकों पर जानलेवा हमला होने के मामले में संज्ञान लिया है। आरोपियों ने डंडे और रौड से पुलिसवालों को बेरहमी से पीटा है। मामले में आयोग ने ’पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने शिवपुरी जिले के करैरा थानांतर्गत बडौरा गांव में छह माह की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर देने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार बीते शुक्रवार को ग्राम बडौरा में छह साल की मासूम बच्ची अपनी मां के साथ गांव में स्थित गौंड बाबा मंदिर पर चल रही भागवत कथा में शामिल होने गई थी। भीड़ में बच्ची अचानक लापता हो गई थी। बच्ची की काफी तलाश की गई, किंतु बच्ची नहीं मिली। बीते शनिवार की सुबह बडौरा गांव के शासकीय स्कूल के पीछे सरसों के खेत में निर्वस्त्र अवस्था में बच्ची का शव मिला। बच्ची की आवाज किसी को सुनाई न दे सके, इसके लिये आरोपित ने बच्ची के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया था। इस गंभीर मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, शिवपुरी से तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने ’सागर जिले के शासकीय कन्या उमावि, गौरझामर में’ एक जीर्णशीर्ण भवन में विद्यालय भवन लगने के कारण विद्यार्थियों को अपनी जान जोखिम में डालकर विद्या अध्यन करने के लिये मजबूर होने तथा शासन से मांग करने पर भी नई बिल्डिंग न बन पाने के मामले में संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने ’कलेक्टर तथा जिला शिक्षाधिकारी, सागर से प्रकरण की जांच कराकर इस संबंध में अबतक की गई कार्यवाही और नई प्रस्तावित कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब-तलब किया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने ’राजगढ़ जिले के ब्यावरा नगर में’ घने रहवासी क्षेत्र में ईंट भट्टे संचालित होने के कारण इस क्षेत्र में रह रहे नागरिकों व आमजनों के स्वास्थ्य पर अत्यंत बुरा असर होने के मामले में संज्ञान लिया है। आरोपियों ने डंडे और रौड से पुलिसवालों को बेरहमी से पीटा है। मामले में आयोग ने ’कलेक्टर, राजगढ़ से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने ’जबलपुर शहर के शास्त्रीनगर स्थित बालसागर में’ एक बिल्डर में शासकीय जमीन को अपनी बताकर वहां अवैध रूप से मकानों को निर्माण कर 500 लोगों को बेचने, नगर निगम द्वारा इन मकानों को अवैध बताकर तोड़े जाने से मकान स्वामियों द्वारा भारी हंगामा किये जाने के मामले में संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने ’कलेक्टर एवं कमिश्नर, नगर निगम जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में जवाब-तलब किया है। आयोग ने यह भी कहा है कि ऐसे मकानों का निर्माण कराने वाले बिल्डर के संबंध में जांचकर की गई कार्यवाही की जानकारी भी प्रतिवेदन में स्पष्टतः दी जाये।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने ’मुरैना शहर के कोतवाली थानाक्षेत्र अंतर्गत स्टेशन रोड़ इलाके में’ अज्ञात लोगों द्वारा आबादी इलाके में फायरिंग कर देने से पूरे इलाके में भारी दहशत और तनाव उत्पन्न हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने ’पुलिस अधीक्षक, मुरैना से तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है।

 


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