रोड़ पर बड़े-बड़े गढ्ढों के कारण... आए दिन लोग हो रहे दुर्घटना का शिकार...

खबर नेशन / Khabar Nation  

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने छह मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के वार्ड नं 6 स्थित पंचवटी फेस-1 व 2 से तिलक नगर, इंद्र विहार सोयायटी, लाउखेड़ी, ऐनेक्स मार्ग, सीटीओ कॉलोनी को जोड़ने वाली एक किमी लंबी सीसी सड़क के उपर 40 लाख की लागत से बनी डामर रोड़ बारिश में बह जाने के कारण हादसे होने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रोड़़ पर बड़े-बड़े गढ्ढों के कारण आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इस समस्या की शिकायत नगर निमग के वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है, किंतु समस्या का निराकरण अभी तक नहीं हुआ। मामले में आयोग ने आयुक्त, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जिला अस्पताल, शिवपुरी के ट्रॉमा सेंटर में इलाज करा रहे एक मरीज की टॉयलेट में मौत हो जाने संबंधी घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के मुताबिक शिवपुरी जिले के कोलारस निवासी हल्के पाल (40 वर्ष) 24 जनवरी को इलाज हेतु जिला अस्प्ताल में भर्ती हुआ था। मृतक टीबी का मरीज था। बीते बुधवार सुबह साढ़े पांच बजे हल्के पाल शौच के लिये गया, लेकिन बाहर नहीं निकला। सुबह स्वीपर को गेट बंद मिला तो, स्वीपर ने गेट के नीचे से झांककर देखा तो कोई शौचालय में बेसुध पड़ा था। तत्काल गेट के पास वाली दीवार को तोड़कर मृतक हल्के को बाहर निकाला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शिवपुरी से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने शहडोल जिले के सिंहपुर कठौतिया गांव में एक मासूम बच्ची का निमोनिया ठीक करने के लिये 51 बार सलाखों से दागने के कारण मौत हो जाने संबंधी घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के मुताबिक शहडोल जिले के सिंहपुर कठौतिया गांव में तीन माह की बच्ची रोशनी कोल को निमोनिया व सांस लेने में तकलीफ हुई तो परिजनों ने 51 बार गर्म सलाखों से दाग दिया। तकलीफ बढ़ी तो मेडिकल काॅलेज में भर्ती कराया गया। परिजनों ने अंधविश्वास में दगना कर दिया। दगना के कारण पूरे शरीर में संक्रमण बढ़ गया। आखिरकार अंधविश्वास में इलाज के नाम पर 51 बार गर्म सलाखों का दर्द झेल रही दुधमुंही बच्ची ने जिंदगी मौत के बीच लड़ने के बाद बीते बुधवार को दम तोड़ दिया। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, शहडोल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने ग्वालियर शहर के बहोड़ापुर से ट्रांसपोर्ट नगर की ओर एबी रोड़ के दोनों तरफ कचरा एवं गोबर फेंके जाने के करण लोगों को हो रही परेशानी क मामले में संज्ञान लिया है। ग्वालियर शहर को भोपाल-इंदौर व आगरा शहरों से जोड़ने वाला एबी रोड़ कचरा एवं गोबर डंप करने का स्थान बन गया है। बहोड़ापुर से ट्रांसपोर्ट नगर की ओर एबी रोड़ के दोनों तरफ कचरा एवं गोबर के ढ़ेर लगे हुये हैं। ऐसे में यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को बदबू का सामना करना पड़ता है। कचरा एवं गोबर के कारण शहर में चल रहे स्वच्छता अभियान पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं आयुक्त नगर निमग, ग्वालियर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने ग्वालियर शहर के जेएएच अस्पताल परिसर में बने नाले का अंडरग्राउण्ड मिलान नहीं करने के कारण रेडक्रॉस ब्लड़ बैंक में आ रही सीलन संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ग्वालियर शहर के जेएएच अस्पताल परिसर में अंडरग्राउण्ड नाले का निर्माण किया जा रहा है। यह नाला दाल बाजार तिराहे से कस्तूरबा चैराहे तक बनाया जा रहा है। रेडक्रॉस ब्लड बैंक भवन के पीछे नाला तैयार हो गया है, लेकिन सीवर से मिलान न होने के कारण गंदा पानी रेडक्रॉस भवन में घुस रहा है। भवन के कमरों में भी सीलन आ रही है एवं लिफ्ट वाले स्थान पर भी पानी भर गया है। गंदगी व बदबू के कारण ब्लड़ बैंक में रक्तदान करने आने वाले लोगों के साथ-साथ स्टाफ भी परेशान हो रहा है। रेडक्राॅस के सचिव का कहना है कि भवन के नीचे से आई सीवर लाइन का मिलान मेन अंडरग्राउण्ड नाले से नहीं किया गया है, इस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। मामले में आयोग ने नगर निमग कमिश्नर, ग्वालियर से प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने नर्मदापुरम् जिले के पर्रादेह गांव में संचालित एक प्रायमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के मध्यान्ह भोजन की थाली में पतली दाल एवं पतली सब्जी परोसी जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नर्मदापुरम जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर पर्रादेह गांव के प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान्ह भोजन में पतली दाल एवं पतली सब्जी परोसी जा रही है। मीडिया रिपोर्टर ने थाली में खाना आते ही जब बच्चों पूछा कि दाल कहां है ? तो बच्चे मुस्कुराए और खाना खने लगे। सही है आखिर बच्चे बताते भी क्या ? क्योंकि थाली में दाल ही नहीं थी। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, नर्मदापुरम् से प्रकरण कीजांच कराकर की गई कार्यवाही का एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही पूछा है कि क्या मध्यान्ह भोजन स्वीकृत/नियत बच्चों की संख्या से मात्र 70 प्रतिशत संख्या के मान से उपलब्ध कराया जाता है ? यदि हां तो, इससे उपस्थित बच्चों की संख्या 70 प्रतिशत से अधिक होने पर मध्यान्ह भोजन की प्रत्येक बच्चे के लिये नियत खाद्यान मात्रा की पूर्ति किस प्रकार से की जाती है ?

 

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